दिग्विजय सिंह के बयान से उनकी बहू रुबीना सिंह का छलका दर्द, कांग्रेसी भी खफा, छोटे भाई ने कहा - अनुच्छेद 370 फिर लगाना संभव नहीं
भोपाल-- कांग्रेस की सरकार बनने पर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को बहाल करने पर विचार करने के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेसी भी खफा हैं। इस मामले में आज उनकी छोटे भाई लक्ष्मण सिंह की पत्नी रुबीना से जो कि कश्मीर की है उन्होंने अपने दर्द को बयान करते हुए कहा है कि जब कश्मीरी पंडितों का पर हिंसा हो रही थी और लोग पलायन कर रहे थे तो किसी ने और ना ही सरकार ने उन लोगों को सहारा दिया। उन्होंने बताया कि उनका श्रीनगर और और कश्मीर में एक मकान था वह मकान भी हिंसा की भेंट चढ़ गया। और दोनों मकान पर लोगों ने कब्जा कर लिया। वही दिल्ली में उनका एक मकान था जिसमें आकर वह परिवार सहित रुके उन्होंने बताया कि अगर दिल्ली का घर उनके पास नहीं होता तो उनका और परिवार का क्या होता है। और उन्हें बताया कि उन लोगों के बारे में सोचिए जिनका कश्मीर के बाद कहीं कोई रिश्तेदार और ना ही कोई मकान था। उनके जीवन पर क्या असर पड़ा होगा।
शनिवार को दिग्विजय सिंह ने क्लबहाउस चैट में कहा था कि उनकी सरकार बनने पर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को फिर से लागू करने पर विचार किया जाएगा। इसके बाद से मध्य प्रदेश की सियायत गर्म है और भाजपा नेता हमलावर हैं। वे दिग्विजय के इस बयान को राष्ट्रविरोधी की श्रेणी में रखकर हमला कर रहे हैं।
उधर, कांग्रेसी इस मामले में बैकफुट पर हैं और अपनी ओर से इसके बचाव में बयान जारी नहीं कर रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने माना है कि यह बयान कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाला है। भारतीय जनमानस को ध्यान में रखते हुए ऐसे बयानों से बचना चाहिए, जिनसे विवाद हो। ऐसे बयान बहुसंख्यकों के विरोध के तौर पर दर्ज किए जाते हैं और पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पार्टी नेताओं का यह भी मानना है कि दिग्विजय का बयान पार्टी लाइन से हटकर है और उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगे।
दिग्विजय सिंह के बयान पर उनके भाई और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को फिर से लागू करना संभव नहीं है। लक्ष्मण सिंह के ट्वीट ने बैकफुट पर आई कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कांग्रेस नेता सवाल पूछने पर भी आधिकारिक बयान नहीं देने का आग्रह कर रहे हैं। जो बात कर भी रहे हैं, वे दिग्विजय के बयान को सही या गलत ठहराने की जगह भाजपा की आइटी सेल पर आरोप मढ़कर मूल चर्चा से दूर हट रहे ।