ओबीसी महासभा का भोपाल में अनिश्चित कालीन आंदोलन आज से शुरू-- सैकड़ो कार्यकर्ता ओ को पुलिस ने किया गिरफ्तार
*8 सितंबर से आंदोलन में शामिल होगे सिवनी के सैकड़ों कार्यकर्ता पदाधिकारी*
*शिवराज सरकार ने आंदोलनकारियों को पकड़ाया झुनझुना*
न्यूज़रूम सिवनी--संविधान को अंगीकरण कर शपथ लेकर राजनेताओं व सरकारों द्वारा आज पर्यन्त देश के संविधान लागू होने के 73 साल बीत जाने के बाद तक ओबीसी समाज को लालीपाप दिखाकर गुमराह कर आश्ववासन के झूले में झुलाया जाता रहा है जो अब समूचा ओबीसी समाज झूले से कूदकर ओबीसी महासभा के बैनर झंडे तले एकत्रित होने से देश की मोदी व प्रदेश की शिवराज सरकार की सत्ता की कुर्सी हिलते देख प्रदेश की भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जो कि स्वयं ओबीसी वर्ग से आते है। सत्ता के नशे में ओबीसी महासभा के आंदोलन को कुचलने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को आगे कर दमनकारी हिटलरशाही संविधान विरोधी आचरण से ओबीसी कार्यकर्ता नेताओं को जबरन थाना बुलाकर नजरबंद कर रही है ।जिसका समूचा ओबीसी समाज विरोध के साथ कटु निंदा की है। ओबीसी समाज के हित अधिकारों को दिलाये जाने संकल्पित ओबीसी महासभा द्वारा आज से प्रदेश की राजधानी भोपाल में अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन से सहमी मामा शिवराज की सरकार अपनी जायज मांगों को लेकर शुरू हुए आंदोलन को कुचलने कितना ही जोर लगाले अब ओबीसी समाज के बढ़ते हुए कदम पीछे नहीं हटने वाले है। बर्षो से दबा कुचला ओबीसी समाज अब जनसंख्या के अनुपात में अपना हक अधिकार के लिए कृत संकल्पित ओबीसी महासभा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में जिला मीडिया प्रभारी राजेश पटेल ने बताया कि भोपाल में अपनी जायज मांगों को लेकर पूर्व से निर्धारित अनिश्चितकालीन आंदोलन को विफल करने के प्रयास में प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष ओबीसी राकेश सिंह लोधी को बहोरीबंद थाना की पुलिस द्वारा जबरन थाने में बुलाकर नजर बंद करने का प्रयास किया गया । वही भोपाल पहुँचे सैकड़ो आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर अलग अलग थानों में ले जाया गया प्राप्त सूचना अनुसार 5 बजे तक 200 से अधिक साथियों को छोड़ दिया गया है। वही मध्यप्रदेश सरकार की भर्तियों में 27% आरक्षण लागू किये जाने के आदेश प्रदेश में बढ़ रहे ओबीसी वर्ग के आंदोलन को दिग्भ्रमित करने के लिए किया गया है । ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री होने के बाबजूद लोकतंत्र में दिए मौलिक जनांदोलन के अधिकारों का भाजपा सरकार में कुठाराघात की समूचा वर्गों ने निंदा की है और जनांदोलनों में पुलिस को आगे कर सत्ता धारी शिवराज सरकार द्वारा करवाये जा पुलिस दमन कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है। मध्यप्रदेश सरकार जायज न्यायसंगत माँगो पर आँख मुंदती है तो अब ओबीसी समाज न्याय हक अधिकार देने वाली जमात बनकर आने का भी संकल्प दोहराएगी ।यहाँ अत्यंत खेद का बिषय है कि अंगेजो ने हमारा दमन शोषण तो किया परन्तु हमारे आंदोलन माँगो पर गौरोफिक्र किया । उन्नीस सौ इकतीस में जातिगत जनगणना में ओबीसी समाज 52% था जो आंकड़ा आज तक दोहराया जा रहा है और आजाद भारत की हमारे द्वारा निर्वाचित सरकारों द्वारा हमारी आबाज को दबाकर ओबीसी समाज का मुंह पोछकर आज तक आश्ववासन पर आश्ववासन ही मिलता रहा अंततः ओबीसी समाज के जागरूक नौजवानों द्वारा आवाज बुलंद करने पर उसको हमेशा दबाती रहीं। 2011 में मनमोहन सरकार ने बड़े मुश्किल से दबाब में आकर जातिगत जनगणना तो कराई परंतु आंकड़ों का प्रकाशन नहीं हो सका सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह रहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपने आप को ओबीसी निम्न वर्ग का होने का ढोंग दिखाकर सहानुभूति बटोरकर सत्ता में आकर उक्त जातिगत जनगणना के प्रकाशन पर कुंडली मार बैठी है।
इन समस्त विसंगतियों झाँसा वाजी को ओबीसी समाज अब अच्छी तरह जान बूझ ओर समझ गया है। और उसकी समझदारी ने मैदान में उतरने को मजबूर किया है।जो अपनी प्रमुख मांगों
1.शिक्षक भर्ती /mppsc/cho सहित मध्यप्रदेश सरकार की सभी सरकारी नौकरियों में 27%आरक्षण पर लगी हाईकोर्ट की रोक तत्काल हटाई जाये।
2.भारतीय नागरिकों की जातिगत जनगणना की जाए।
3. 2011 की जनगणना अनुसार त्वरित वर्गवार डाटा (sc, st, obc, मायनाट्रीज व जनरल) सार्वजनिक किया जाये व जनसंख्या गणना अनुसार 9 वी अनुसूची में डालकर ओबीसी को आरक्षण दिया जाए।
4.ओबीसी समाज के बच्चों की छात्रवृत्ति सहायता बढाई जाये।
रुकी हुई छात्रवृत्ति त्वरित दी जाए।
5. लाखो रिक्त पड़े ओबीसी के बैकलाक के पद भरे जाए
6.जनसंख्या के अनुपातमें विधायिका, कार्यपालिका न्यायपालिका, में आरक्षण लागू किया जाए ।
7.बहुसंख्यक समाज एस.सी,एस. टी ,ओबीसी मयनायट्रीज अल्पसंख्यक के ऊपर हो रहे अत्याचार पर त्वरित रोक लगाई जाए ।
8.निजी संस्थानों व शासकीय उपक्रमो में आरक्षण पद्धति लागू की जाये।
9 मध्यप्रदेश में 6% ही सवर्णों की संख्या है। बिना आंकड़े इकट्ठा किये ews आरक्षण दिया गया।सरकारी संस्थानों के निजीकरण सहित ओबीसी महासभा विरोध करती है।
7 से 10 सितम्बर तक ओबीसी महासभा सिवनी के सैकड़ो कार्यकर्ता पदाधिकारी बनेंगे आंदोलन का हिस्सा*
*जिला अध्यक्ष राधेश्याम देशमुख के नेतृव में तैयारी जोरों पर*
ओबीसी महासभा के जिला सयोंजक लोकेश साहू के बताया कि भोपाल के आंदोलन में सिवनी जिले के सैकड़ों कार्यकर्ता व पदाधिकारी 7 सितम्बर को राधेश्याम देशमुख , गोल्हानी व अन्य पदाधिकारीयों के नेतृत्व में आंदोलन का हिस्सा बनेंगे जिसकी जिले भर में बैठके व तैयारी की रणनीति पूरी जोश उमंग के साथ चल रही है। मध्यप्रदेश सरकार के दमनकारी रवैया तथा दिग्भ्रमित आधा अधूरा अस्पष्ट आदेश पर ओबीसी महासभा की समीक्षा बैठक आगामी रणनीति बाबद बैठक खबर लिखे जाने तक भोपाल में जारी हैं।