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मंडला-केंद्र और प्रदेश सरकार मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत लाखों करोड़ रुपए खर्च कर रही है लेकिन सरपंच सचिव जनपद अधिकारियों की मिली भगत से मजदूरों के हक को मार कर जेसीबी से कार्य करा रहे है। जिसकी वजह से मजदूरों को पलायन करना पड़ता है- सरपंच सचिव की मनमानी व कमीशन खोरी का खामियाजा क्षेत्रीय विधायक व सरकार को भुगतना पड़ता है और सायद यही वजह की बीते दिनों कांग्रेस विधायक द्वारा निकाली गई जन विकास यात्रा और वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा निकाली जारही विकास यात्रा में ग्रामीण जनों ने दूरियां बनाली है। जिसका खामियाजा आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में वर्तमान सरकार को भुगतान पड़ सक्ता है। 

ताजा मामला जनपद पंचायत बीजाडांडी की ग्राम पंचायत उदयपुर से सामने आया है यहाँ पर मनरेगा के तहत करीब 6-6 लाख की दो पुलियाओं का निर्माण हो रहा है जिसमें गांव के जॉब कार्ड धारियों को काम पर लगाना था लेकिन सरपंच सचिव ने अपने फायदे के लिए किसी भी गांव के मजदूरों को काम नही दिया और जेसीबी लगाकर मनेरागा कार्य घटिया स्तर से कराया जारहा है जिसका विरोध ग्रामीणों निर्माण स्थल पर जाकर किया। 

 

मापदंड के अनुसार नही बनाई पुलिया 

 

ग्रामीणों का कहना है जब से पुलिया के निर्माण शुरू हुआ तब से कोई भी अधिकारी पुलिया निर्माण को देखने नही आया है जिसकी वजह से सरपंच, सचिव ने उक्त पुलिया का निर्माण घटिया सामिग्री से कराया जारहा है और मनमानी के चलते सरपंच, सचिव ने उक्त पुलिया निर्माण में गांव के किसी भी मजदूर को मजदूरी पर नही रखा है जबकि गांव के सैकड़ों लोग मनेरागा कार्डधारी है। वही ग्रामीणों का कहना उक्त घटिया निर्माण की तुड़वा कर पुनः निर्माण कराया जावें।

 

सरपंच, सचिव की मनमानियों का खामियाजा भुगतेगी वर्तमान सरकार 

 

वही बीजाडांडी विकासखंड क्षेत्र के मजदूर वर्ग व भाजपा नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार और सरकार पलायन रोकने के लिए मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन सरपंच, सचिव सरकार और क्षेत्रीय विधायक सांसद की छवि खराब करने की लिए गांव के लोगो काम पर नही रखती है जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगो बाहर काम पर जाना पड़ता है। और यही वजह की आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में वर्तमान सरकार के खिलाप आक्रोश पनप रहा है जिसका खामियाजा इनको आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सक्ता है। इस लिए क्षेत्र के बुद्धजीवी लोगो ने क्षेत्रीय विधायक, सांसद और उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई है मजदूरों का हक मारने वाले व पलायन को मजबूर करने वाले ऐसे सरपंच सचिव पर उचित कार्यवाही करें। 

 

ग्राम पंचायत में काम न मिलने ग्रामीणों ने किया हंगामा 

 

जनपद पंचायत बीजाडांडी की ग्राम पंचायत उदयपुर में मनरेगा के तहत दो पुलिया बनाई जारही है जिनमें नियम अनुसार सरपंच सचिव को गांव जॉब कार्ड धारियों से काम कराना था लेकिन पैसे बचाने के चक्कर में इन्होंने जेसीबी से काम करा लिया जिसकी वजह से ग्राम पंचायत उदयपुर के ग्रामीणों ने निर्माण स्थल पर जाकर हंगामा किया और जेसीबी से हो रहे काम को बंद करा कर शिकायत की बात कह रहे है।

 

इनका कहना है

 

वही जब इस विषय को लेकर जनपद पंचायत सीईओ दीप्ती यादव से बात की गई तो उनका कहना था मुझे सुबह ग्रामीणों का फोन आया था कि मनरेगा के कामों में सरपंच सचिव द्वारा जेसीबी से काम कराया जारहा है जो गलत में ग्राम पंचायत उदयपुर के सरपंच सचिव को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है। 

 

सुश्री दीप्ति यादव- प्रभारी सीईओ ज०पं बीजाडांडी

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