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अगर आप में हर चीज में कमी निकालने की आदत है आप एक अच्छे आविष्कारक बन सकते हैं क्योंकि कमी आवश्यकता को जन्म देती है और आवश्यकता आविष्कार को 

 

कहा भी गया है आवश्यकता ही अविष्कार जननी है आज के आर्टिकल में हम जानेंगे बिजली के निर्माण का अद्भुत इतिहास और भविष्य में संभावनाएं इन्हीं का परीक्षण बना आधार इलेक्ट्रिसिटी का -

 

Bulb

 

 बेंजामिन फ्रैंकलिन ने अपने जोखिम पूर्ण परीक्षा में करंट का पता लगाया उन्होंने बारिश के समय पतंग की डोरी में चाबी बांधकर आसमान में पतंग उड़ाया और इसका एक सिरा अपने हाथों में पकड़ लिया डोरी गीली होने के कारण इन्हें जोर का झटका लगा और यही आधार बना इलेक्ट्रिसिटी का इसी क्रम में नए-नए आविष्कार का विकास होते चले गए एक के बाद एक आविष्कार होते हैं Edison                                               सन 1889 मैं असफलता के देवता माने माने जाने वाले वैज्ञानिक ने दुनिया को रोशन करने वाले अविष्कार बल्ब का निर्माण किया और इसके बाद कम्पनी बनाकर लोगो के घरों तक अपने अविष्कार को पहुंचाया लेकिन कहा जाता है कि कोई भी चीज इस दुनिया में पूर्ण नहीं होती इनके आविष्कार में कुछ कमी थी जो मनुष्य को इलेक्ट्रिसिटी के नए युग में प्रवेश के लिए सबसे बड़ी बाधा बनी 1)बल्ब को जलाने के लिए जिस डीसी करंट का उपयोग किया जाता था उसका दायरा केवल 2 मील था जिसके कारण उनका आविष्कार छोटी जगह में सीमित रह गया 2) बिजली पर नियंत्रण ना होने के कारण बल्बों का फटना और घरों मेआग लगना आम बात हो गई

 

 

 

 इन्हीं कमी को खोजने और दूर करने वाले वैज्ञानिक थे निकोला टेस्ला जिनकी कंपनी ने इन समस्याओं को दूर किया ac करंट के द्वारा इसका दायरा 2मील से बढ़ा कर 1000 मील कर दिया उनके आविष्कार ने मनुष्य को इलेट्रिसिटी के नए युग में प्रवेश दिलाया

Tesla

जानिए भविष्य में बिजली उत्पादन के नए तरीके और संभावनाएं 

 

 

 

 अगर आपको कहा जाए आपको बिजली बिना किसी तार के जरिए बिजली आप तक आप की आवश्यकता अनुसार पहुंचाई जाएगी चौक गए ना 

 

न्यूजीलैंड में फार्म एब्रॉड तथा पावर को मिलकर एक ऐसी टेक्नोलॉजी का निर्माण कर रही है जो आपको आसमान में झूलते हुए बिजली के तारों से निजात दिलाएगी यह टेक्निक आपको माइक्रोवेब तरंगो के जरिए बिना तार के बिजली आप की आवश्यकता अनुसार आपके घर तक पहुंचाई जायेगी.

Wireless

 तो क्या है यह तकनीक?

 

इसमें एक वायरलेस एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है जिसमें रेक्टिफाइड एंटीना है जो ट्रांसमिटेड एंटीना के द्वारा भेजे गए माइक्रोवेव तरंगों को रिसीव कर इसे बिजली में बदलने में सक्षम होगा क्या यह संभव है? जी हां यह बिल्कुल संभव है नासा ने इस प्रकार कि तकनीक का प्रयोग करके 1975 मे माइक्रोवेव तरंगो के जरिये 1.6किलोमीटर तक 34.6 किलोवाट बिजली भेजना का रिकॉर्ड बनाया था |                                                                   Nasa                                  2)लहरों से बिजली उत्पादन बहुत पहले से ही समुद्र के ज्वार तथा लहरों से बिजली बनाए जाने के लिए कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन यह य केवल प्रोटोटाइप है 1997 में एक परीक्षण किया गया जिसमें सी ड्रैगन धातु के पाइप मे सामुद्र कि लहर द्वारा बिजली बनाई गयी गई |Bandh Se Urja

 3)जियो थर्मल पावर प्लांट- वर्तमान में एक ऐसी तकनीक में काम किया जा रहा है जो पृथ्वी के भूगर्भ में गर्म पानी और का उपयोग करके बिजली बनाने में सक्षम है

परंतु यह प्रयास ही है जो अभी केवल शुरुआती चरण है|                                                                                      Tharmal Power Plant                                                4न्यूक्लियर पावर प्लांट Parmanu

इस प्लांट में यूरेनियम-235 को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यूरेनियम के परमाणुओं को विखंडित करने के लिए एटॉमिक रिएक्टर का इस्तेमाल होता है। इससे पैदा होने वाली उष्मा से भाप बनाई जाती है। इसी भाप से टरबाईन को घुमाया जाता है जिससे बिजली का उत्पादन होता है। एक किलो यूरेनियम 235 से उत्पन्न ऊर्जा 2700 क्विंटल कोयले जलाने से पैदा हुई ऊर्जा के बराबर होती है।                    भारत मे बिजली उत्पादन की स्थिति                            Mujuda Sthiti

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