इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से घट गया हैं सीमेंट, छड़ (लोहा) का दाम, मकान निर्माण बाजार में मची उथल-पुथल नया भाव जानिए, बढ़ते सरिया और सीमेंट के दाम बेहद घटे
समाचार --जहां आम लोगों के आशियाना बनाने के सपने में ठहराव ला दिया था तो वहीं अब सीमेंट और सरिया के दामों में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे अब आम लोग भी अपने सपने को आकार दे सकते हैं और अपना खुद का आशियाना बना सकते हैं. बता दें कि सरकार द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी घटाए जाने बाद अब पिछले कई दिनों से सीमेंट और सरिया के दामों में हर रोज गिरावट आ रही हैं।
बढ़ते सरिया और सीमेंट के दाम ने जहां आम लोगों के आशियाना बनाने के सपने में ठहराव ला दिया था तो वहीं अब सीमेंट और सरिया के दामों में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे अब आम लोग भी अपने सपने को आकार दे सकते हैं और अपना खुद का आशियाना बना सकते हैं. बता दें कि सरकार द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी घटाए जाने बाद अब पिछले कई दिनों से सीमेंट और सरिया के दामों में हर रोज गिरावट आ रही है.दाम कम होने से लोगों के चेहरे पर खुशी की झलक भी देखी जा सकती है और जिन लोगों ने भवन निर्माण सामग्री के बढ़ते हुए दामों को देखकर अपना घर बनाने का सपना वहीं रोक दिया था अब वह भी अपना घर बना सकते हैं. कारोबारियों के अनुसार, बीते एक महीने में सरिया का भाव करीब 12 से 15 रुपये प्रति किलो सस्ता हुआ है. वही सेकेंडरी सरिया के भाव में 15 से 20 रुपये प्रति किलो तो कम हुए हैं.
सरिया, सीमेंट के दाम गिरने से लोगों के चेहरे खिले, अब आशियाना बनाने का सपना होगा पूरा कारोबारियों का कहना है कि बाजार में सीमेंट का भाव (steel rate) भी पिछले दो-तीन सप्ताह में बड़े ब्रांड में 20 रुपये वह सामान्य ब्रांड में 30 से 40 रुपये तक प्रति बैग कम हुआ है. उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में सीमेंट व सरिया जैसे बिल्डिंग मटीरियल के दामों में और गिरावट देखने को मिल सकती है. सीमेंट और सरिया के दाम घटने को लेकर अपना मकान बनवा रहे मास्टर सुनील ने बताया कि सीमेंट और सरिया के दामों में पहले की तुलना में बेहद कमी आई है और यह अच्छी बात है. जिन लोगों को अभी घर बनाना है या फिर बना रहे हैं उनके लिए बेहद अच्छा मौका है. जिस तरीके से बाजार में चर्चा चल रही है अभी दाम और कम होने की संभावना है
सीमेंट और सरिया के दामों में क्यों आई गिरावट: बिल्डिंग मटेरियल के दाम कम होने के पीछे कई बड़े कारण हैं, जिनमें से एक सरकार द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी कम किए जाने और डीजल के दाम में कमी से ट्रांसपोर्ट खर्च कम आना भी एक कारण हो सकता है. वहीं कमी के पीछे सबसे बड़ा कारण मार्केट में डिमांड का कम होना माना जा रहा है क्योंकि भाव तेज होने की वजह से लोगों ने अपना निर्माण रोक दिया था.